Wednesday, November 11, 2009

"Ek Mulakaat"

Today is one of those days where u just chill and relax. Feeling really lazy and sleepy yet i am writing this another post coz i am free and got no work.


Dont remember when i had written this one but it must be atleast 5 years old। Here it goes.......


उस बात को बीते न जाने कितने दिन गए बरस,
काश आज वोह दिख जाए,
इस आस में मेरी आंखे गई है तरस।


उनके साथ गुज़ारा हुआ पल लगता बहुत कम,
आज उन लम्हों को याद करू,
तोह मेरी आँखे हो जाती नम।


उनके चेहरे को जब मैं देखू, तोह न जाने मैं कहा खो जाता।
आज उस चेहरे की याद में,
मैं चैन से सो नही पाता।

न चाहते हुए भी उनकी याद सीने में चुभती जा रही है,
अब धीरे धीरे मेरे उम्मीद की लौ बुझती जा रही है।

दुआ है रब से मेरी इतनी,
वो पुरी हो जाए,
मेरी मौत से पहले,
एक मुलाक़ात उनसे मेरी हो जाए!!

No comments:

Post a Comment